Horror stories in Hindi| डरावनी हिंदी कहानियां
Horror stories in Hindi| डरावनी हिंदी कहानियां
नमस्कार पाठयकों, आज हम आप लोगो के लिए एक और hindi ki kahani की पोटरी लेकर आये है। दोस्तों, ये story आप सभी लोगो को बहुत पसंद आने वाली है क्युकी ये story है horror stories जो लिखी है आस्था भदौरिया ने (abhadoria_).
आपलोगो से मेरा ये वादा है की ये डरावनी kahani पढ़ कर आपलोगो के रोंगटे भी खड़े हो जायेंगे। हम उम्मीद करते है की आपको ये Hindi ki kahani, Horror stories मतलब bhoot ki kahani, short story in hindiपसंद आये और आप लोग ये kahani अपने दोस्तों, और प्रियजनों के साथ व्हाट्सप्प, इंस्टाग्राम, और फेसबुक पर शेयर करे।
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Hello readers, today we have brought another Hindi horror story for you guys. We are sure this horror story is surely liked and loved by all because this story is a horror story(bhoot ki kahani ). I promise you that you will get goosebumps after reading this scary story. We hope you like this Hindi ki kahani, Horror story is a short story in Hindi, and share this story with your friends and loved ones on WhatsApp, Instagram, and Facebook.
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Hell Marry - a horror story
हम देखते हैं कि लगभग 22-23 साल की दो लड़कियाँ एक कमरे में बैठी हैं। उस कमरे में बहुत कम रोशनी है। आशी अपने मोबाइल स्क्रीन की ओर देखते हुए सीवी से गंभीर स्वर में कहती है- “ यार 2 :58 बज गए है, 3 बजने में अब बस 2 मिनट ही बाकि है, तुम वास्तव में ऐसा करना चाहते हो?” । सिवी उससे कहती हैं- “हां, मैं ये करना चाहती हूं”। “यार, मैं क्या कह रही हूँ, आज रहने दे, हम ये कल भी तो कर सकते है - आशी डरते हुए कहती है। सीवी आशी को गुस्से से घूर कर देखती है। “अच्छा, सॉरी, में बस ऐसी ही कह रही थी” - आशी डरते हुए मुस्कुरा कर कहती है। सिवी मेज पर रखी सफेद मोमबत्ती को माचिस से जलाती है। आशी बिस्तर पर बैठ कर सिवी को बहुत ध्यान से देखती है। “आल दी बेस्ट”- आशी सिवि से कहती है। “हम्म”- सिवि मोमबत्ती जलाते हुए कहती है। सिवी पाउडर रूम में जाती है; वह दर्पण के ठीक सामने खड़ी हो जाती है और लाइट बंद कर देती है और अंदर से पाउडर रूम का दरवाजा बंद कर लेती है।सिवी ने गहरी साँस लेते हुए कहा-"ब्लडी मैरी...ब्लडी मैरी...ब्लडी मैरी"। सिवी आईने में देखती रहती है।
2 मिनट के बाद, हम देखते हैं कि सिवी बेडरूम में आशी के ठीक सामने मोमबत्ती लेकर खड़ी है। उसका चेहरा सदमे में दिख रहा है और वह अपनी आंखें भी नहीं झपका रही है। आशी सिवी के करीब जाती है। आशी उसे बुलाती है “सिवि”, सिवि कोई जवाब नहीं देती और चुपचाप वही खड़ी रहती है। आशी दोबारा घबराते हुए सिवि को बुलाती है “आशी … आशी” । वो फिर से सिवि को उसके गालों पर थपथपाते हुए बुलाती है- “आशी तुम ठीक तो हो” । अब सिवि आशी को देखते हुए ज़ोर से हस देती है। “ हे भगवान, यार अपना चेहरा देखो”- सिवि लगातार जोर से हंसती है। आशी चिढ़कर थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली-”ये क्या घटिया मज़ाक था, अब बहुत हो गया यार, अब बस”। सिवी ने धीरे से हँसते हुए मेज पर मोमबत्ती रखते हुए कहा - “अच्छा सॉरी बाबा” ।अशी उत्साहित होकर सिवि से पूछती है - “अच्छा तूने देखा ब्लडी मैरी को” । “नहीं यार”- सिवि कहती है।
“कुछ भी नहीं देखा, साया भी नहीं”-अशी सिवि से दोबारा पूछती है। “ना, कुछ भी नहीं था वहा, मैंने तुझे पहले ही बोला था ये एक horror story है, या कुछ नहीं”- सिवि ने आशी को बताया। “ओह, तूने अंदर जाके मिरर के सामने क्या बोला था?”- आशी सिवि से पूछती है। “ब्लडी मैरी बोला यार और क्या बोलूंगी?”- सिवि बेड पर आशी के पास बैठते हुए बोलती है। “कितनी बार”- आशी उससे फिर से एक सवाल पूछती है। “3 बार यार, या कितनी बार बोलेंगे?”- सीवी उससे बोलती है। “यहीं तो गलती कर दी तूने, 3 बार नहीं 13 बार ब्लडी मैरी बोलना था”-अशी उसे समझाते हुए बोलती है। “अच्छा, 13 बार बोलना था,चलो कोई ना कल फिर कोशिश करूंगी, शायद तब वो Hell marry दिख जाये, पर यार ये सिर्फ एक horror story है और कुछ नहीं”।आशी बेड से उठती है और सिवि से कहती है - “नहीं इस बार ये मैं करूंगी”। सिवी हँसकर उससे बोलती है - “तू, तुझसे नहीं हो पायेगा” ।अशी गुस्से से उसे देखती है। “यार बुरा मत मान, लेकिन तू फटटू है एक नंबर की, तू अपनी खुद की परछाई देख कर ही डर कर ही वहां से भाग आएगी”- सिवि आशी की मौज़ लेती है। अशी उसे तिरछी नज़र से देखती है और उसे डांटते हुए बोलती है - “बकवास बंद कर अपनी”।
आशी गुस्से में मोमबत्ती उठाती है, पाउडर रूम में जाती है और दरवाजा अंदर से बंद कर लेती है। सिवी बिस्तर पर बैठी हुई, आशी का इंतजार करती है। थोड़ी देर बाद, जब आशी बाहर नहीं आई, तो सिवी गई और पाउडर रूम का दरवाजा खटखटाया। आशी कोई जवाब नहीं देती,एक मिनट बाद, आशी दरवाज़ा खोलती है और बाहर आती है। सिवि आशी को देख चैन की साँस लेती है - “भगवान का शुक्र है, तू ठीक है”। फिर वो आशी को छीड़ने के लिए मुस्करा कर कहती है - “मैंने सोचा, तू अंदर कहीं बेहोश तो नहीं हो गई”। आशी चुपचाप गुमशुम सी वही खड़ी रहती है और फिर कहती है “सिवि…”। “हम्म बोलो” । फिर सिवि आशी के चेहरे के भाव देखती है और कहती है - मुझे पता है तू क्या करने की कोशिश कर रही है। “क्या कर रही हूँ- आशी सिवि से पूछती है। “कोशिश भी मत करना, मैं डरने वाली नहीं हूं, मुझे पता है अंदर कोई ब्लडी मैरी नहीं थी”- सिवि आशी से कहती है। वे दोनों अपने चारों ओर कंबल लपेटकर बिस्तर पर बैठ जाते हैं।आशी ज़मीन की ओर देखती हुई सिवी से कहती है- “आई ऍम हियर” । सिवि हैरान-परेशान होकर आश्चर्य से आशी को देखने लगती है - “ ये तू क्या बोल रही है आशी ?’। “ये उस आवाज़ ने बोला, मैंने अपने कानों से सुना है, सीवी कोई था वहां बाथरूम में” आशी ने सिवि को बताया। “क्या मतलब कौन था? किसने बोला”।”पता नहीं, मैंने बस यहीं सुना और जब पीछे मुड़ कर देखा तो कोई नहीं था, शायद वो ब्लडी मैरी नहीं कोई और हो…”, इससे पहले कि आशी अपनी बात पूरी करती, सिवी ने उसे टोकते हुए कहा - “ओह फ़ो, ये तुम्हारे वेहम होगा आशी, वैसे भी ये भूत-प्रेत कुछ नहीं होते हैं,समझी” । “हम्म” कहकर आशी हां में सिर हिलाती है। जब वे एक-दूसरे से बात कर रहे थे, कमरे का बल्ब धीरे-धीरे मंद होने लगा, आशी और सिवी पहले बल्ब को और फिर एक-दूसरे के चेहरे को देखने लगीं।
2 मिनट के बाद, हम देखते हैं कि सिवी बेडरूम में आशी के ठीक सामने मोमबत्ती लेकर खड़ी है। उसका चेहरा सदमे में दिख रहा है और वह अपनी आंखें भी नहीं झपका रही है। आशी सिवी के करीब जाती है। आशी उसे बुलाती है “सिवि”, सिवि कोई जवाब नहीं देती और चुपचाप वही खड़ी रहती है। आशी दोबारा घबराते हुए सिवि को बुलाती है “आशी … आशी” । वो फिर से सिवि को उसके गालों पर थपथपाते हुए बुलाती है- “आशी तुम ठीक तो हो” । अब सिवि आशी को देखते हुए ज़ोर से हस देती है। “ हे भगवान, यार अपना चेहरा देखो”- सिवि लगातार जोर से हंसती है। आशी चिढ़कर थोड़ा नाराज़ होते हुए बोली-”ये क्या घटिया मज़ाक था, अब बहुत हो गया यार, अब बस”। सिवी ने धीरे से हँसते हुए मेज पर मोमबत्ती रखते हुए कहा - “अच्छा सॉरी बाबा” ।अशी उत्साहित होकर सिवि से पूछती है - “अच्छा तूने देखा ब्लडी मैरी को” । “नहीं यार”- सिवि कहती है।
“कुछ भी नहीं देखा, साया भी नहीं”-अशी सिवि से दोबारा पूछती है। “ना, कुछ भी नहीं था वहा, मैंने तुझे पहले ही बोला था ये एक horror story है, या कुछ नहीं”- सिवि ने आशी को बताया। “ओह, तूने अंदर जाके मिरर के सामने क्या बोला था?”- आशी सिवि से पूछती है। “ब्लडी मैरी बोला यार और क्या बोलूंगी?”- सिवि बेड पर आशी के पास बैठते हुए बोलती है। “कितनी बार”- आशी उससे फिर से एक सवाल पूछती है। “3 बार यार, या कितनी बार बोलेंगे?”- सीवी उससे बोलती है। “यहीं तो गलती कर दी तूने, 3 बार नहीं 13 बार ब्लडी मैरी बोलना था”-अशी उसे समझाते हुए बोलती है। “अच्छा, 13 बार बोलना था,चलो कोई ना कल फिर कोशिश करूंगी, शायद तब वो Hell marry दिख जाये, पर यार ये सिर्फ एक horror story है और कुछ नहीं”।आशी बेड से उठती है और सिवि से कहती है - “नहीं इस बार ये मैं करूंगी”। सिवी हँसकर उससे बोलती है - “तू, तुझसे नहीं हो पायेगा” ।अशी गुस्से से उसे देखती है। “यार बुरा मत मान, लेकिन तू फटटू है एक नंबर की, तू अपनी खुद की परछाई देख कर ही डर कर ही वहां से भाग आएगी”- सिवि आशी की मौज़ लेती है। अशी उसे तिरछी नज़र से देखती है और उसे डांटते हुए बोलती है - “बकवास बंद कर अपनी”।
आशी गुस्से में मोमबत्ती उठाती है, पाउडर रूम में जाती है और दरवाजा अंदर से बंद कर लेती है। सिवी बिस्तर पर बैठी हुई, आशी का इंतजार करती है। थोड़ी देर बाद, जब आशी बाहर नहीं आई, तो सिवी गई और पाउडर रूम का दरवाजा खटखटाया। आशी कोई जवाब नहीं देती,एक मिनट बाद, आशी दरवाज़ा खोलती है और बाहर आती है। सिवि आशी को देख चैन की साँस लेती है - “भगवान का शुक्र है, तू ठीक है”। फिर वो आशी को छीड़ने के लिए मुस्करा कर कहती है - “मैंने सोचा, तू अंदर कहीं बेहोश तो नहीं हो गई”। आशी चुपचाप गुमशुम सी वही खड़ी रहती है और फिर कहती है “सिवि…”। “हम्म बोलो” । फिर सिवि आशी के चेहरे के भाव देखती है और कहती है - मुझे पता है तू क्या करने की कोशिश कर रही है। “क्या कर रही हूँ- आशी सिवि से पूछती है। “कोशिश भी मत करना, मैं डरने वाली नहीं हूं, मुझे पता है अंदर कोई ब्लडी मैरी नहीं थी”- सिवि आशी से कहती है। वे दोनों अपने चारों ओर कंबल लपेटकर बिस्तर पर बैठ जाते हैं।आशी ज़मीन की ओर देखती हुई सिवी से कहती है- “आई ऍम हियर” । सिवि हैरान-परेशान होकर आश्चर्य से आशी को देखने लगती है - “ ये तू क्या बोल रही है आशी ?’। “ये उस आवाज़ ने बोला, मैंने अपने कानों से सुना है, सीवी कोई था वहां बाथरूम में” आशी ने सिवि को बताया। “क्या मतलब कौन था? किसने बोला”।”पता नहीं, मैंने बस यहीं सुना और जब पीछे मुड़ कर देखा तो कोई नहीं था, शायद वो ब्लडी मैरी नहीं कोई और हो…”, इससे पहले कि आशी अपनी बात पूरी करती, सिवी ने उसे टोकते हुए कहा - “ओह फ़ो, ये तुम्हारे वेहम होगा आशी, वैसे भी ये भूत-प्रेत कुछ नहीं होते हैं,समझी” । “हम्म” कहकर आशी हां में सिर हिलाती है। जब वे एक-दूसरे से बात कर रहे थे, कमरे का बल्ब धीरे-धीरे मंद होने लगा, आशी और सिवी पहले बल्ब को और फिर एक-दूसरे के चेहरे को देखने लगीं।
horror story
Read horror story and shayari:
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आशी ने डरते हुए सिवी से कहा-”सिवि यार, ऐसा लगता है जैसे कोई horror story की कहानी चल रही हो” ।”डरो मत आशी, ये कोई horror story नहीं बस पुरानी वायरिंग है”- सिवि आशी को समझती है और बल्ब को बंद कर देती है। “अब चुपचाप सो जाओ, गुड नाईट”- सिवि आशी से कहती है और फिर सोने के लिए लेट जाती है। “गुड नाईट, स्वीट ड्रीम्स सिवि”- आशी घबराई हुई आवाज़ में कहती है और सिवि के बगल में लेट कर सोने की कोशिश करने लगती है। जैसे ही सिवी और आशी सोने की कोशिश करते हैं, तेज-तीव्र हवा चलती है और उनकी खिड़की के पर्दे उड़ने लगते हैं और खिड़कियां खुल जाती है।
आशी सिवि से कहती है - “अभी भी कुछ बोलना है तुझे,क्या ये भी पुरानी वायरिंग की वजह से हो रहा है?”। यार हवा चल रही है, परदे उड़ेंगे ही ना,जा जाकर खिड़की बंद कर दे”- सिवि आशी से कहती है। “नहीं, मैं नहीं जाउंगी”-आशी सिवि से कहती है। “आशी प्लीज यार, मुझे नींद आ रही है”- सिवि आशी से कहती है। “मैं बिलकुल जाउंगी, अकेले तो बिलकुल भी नहीं”- आशी सिवि से कहती है।
सिवी चिढ़चिढ़ा जाती है और दो सेकंड तक उसकी ओर देखती है, फिर उठकर खुद खिड़की बंद कर लेती है और वापस आकर बिस्तर पर लेट जाती है। आशी धीमी आवाज़ में सिवि को बुलाती है - “सिवि”। “क्या है?”- सिवि गुस्से से बोलती है। “यार मुझे बाथरूम जाना है, तू भी साथ चल”- आशी सिवि से आग्रह करती है।
सिवि क्रोध से उससे कहती है - “आशी, बस बहुत होगया अब,दिमाग मत ख़राब करो मेरा, जाओ यहां से”। अशी थोड़ा नाराज़ हो जाती है और उससे कहती है - “ठीक है, मैं अकेला ही जा रही हूँ”।
आशी बाथरूम में प्रवेश करती है, आधा दरवाज़ा खोलती है, और सिवी को देखने के लिए मुड़ती है, जो आँखें बंद करके अपने बिस्तर पर सोने की कोशिश कर रही है। तभी हमें बाथरूम में आधे खुले दरवाजे से एक महिला की काली परछाई दिखाई देती है, जो आशी को देख रही होती है, जब आशी वापस बाथरूम की तरफ मुड़ती है तब तक वहा से वो काली परछाई गायब हो चुकी होती है।
आशी सिवि को आवाज़ लगाकर उससे बोलती है - “सिवि”। “हम्म” सिवि नींद भरी आवाज़ में जवाब देती है। “ सिवि,तू जग रही है ना?मेरे वापस आने तक जागती रहना, ठीक है?- आशी सिवि से कहती है पर इस बार सिवि का कोई जवाब नहीं आता और आशी घबरा जाती है, पर जब वह सिवि की ओर मोड़ कर देखती है तो वो पाती है की सिवि भयंकर नींद में सो रही है। “हद है यार, ये लड़की तो पहले हो सो गई अब मैं क्या करू?” - आशी खुद से मन ही मन कहती है और फिर हिम्मत बांध कर बाथरूम के अंदर चली जाती है।
आशी डरते-डरते बाथरूम के अंदर जाती है और दरवाज़ा बंद कर लेती है। थोड़ी देर बाद आशी आकर सिवी के बगल में लेट जाती है। बेडसाइड टेबल की किताब अचानक गिर जाती है, जिससे हल्की सी आवाज आती है। आशी जमीन पर गिरी हुई किताब का कवर देखती है जिसमे लिखा होता है “horror story, hindi ki kahani. सिवि नींद भरी आवाज में आशी से पूछती है - “आशी ये तू कर रही है ना” । आशी गंभीर स्वर में कहती है- “हां सब मैं ही कर रही हूं” । सिवी नींद के स्वर में उससे कहती है - “अच्छा, अब प्लीज सो जा” ।
आशी सिवि से कहती है - “अभी भी कुछ बोलना है तुझे,क्या ये भी पुरानी वायरिंग की वजह से हो रहा है?”। यार हवा चल रही है, परदे उड़ेंगे ही ना,जा जाकर खिड़की बंद कर दे”- सिवि आशी से कहती है। “नहीं, मैं नहीं जाउंगी”-आशी सिवि से कहती है। “आशी प्लीज यार, मुझे नींद आ रही है”- सिवि आशी से कहती है। “मैं बिलकुल जाउंगी, अकेले तो बिलकुल भी नहीं”- आशी सिवि से कहती है।
सिवी चिढ़चिढ़ा जाती है और दो सेकंड तक उसकी ओर देखती है, फिर उठकर खुद खिड़की बंद कर लेती है और वापस आकर बिस्तर पर लेट जाती है। आशी धीमी आवाज़ में सिवि को बुलाती है - “सिवि”। “क्या है?”- सिवि गुस्से से बोलती है। “यार मुझे बाथरूम जाना है, तू भी साथ चल”- आशी सिवि से आग्रह करती है।
सिवि क्रोध से उससे कहती है - “आशी, बस बहुत होगया अब,दिमाग मत ख़राब करो मेरा, जाओ यहां से”। अशी थोड़ा नाराज़ हो जाती है और उससे कहती है - “ठीक है, मैं अकेला ही जा रही हूँ”।
आशी बाथरूम में प्रवेश करती है, आधा दरवाज़ा खोलती है, और सिवी को देखने के लिए मुड़ती है, जो आँखें बंद करके अपने बिस्तर पर सोने की कोशिश कर रही है। तभी हमें बाथरूम में आधे खुले दरवाजे से एक महिला की काली परछाई दिखाई देती है, जो आशी को देख रही होती है, जब आशी वापस बाथरूम की तरफ मुड़ती है तब तक वहा से वो काली परछाई गायब हो चुकी होती है।
आशी सिवि को आवाज़ लगाकर उससे बोलती है - “सिवि”। “हम्म” सिवि नींद भरी आवाज़ में जवाब देती है। “ सिवि,तू जग रही है ना?मेरे वापस आने तक जागती रहना, ठीक है?- आशी सिवि से कहती है पर इस बार सिवि का कोई जवाब नहीं आता और आशी घबरा जाती है, पर जब वह सिवि की ओर मोड़ कर देखती है तो वो पाती है की सिवि भयंकर नींद में सो रही है। “हद है यार, ये लड़की तो पहले हो सो गई अब मैं क्या करू?” - आशी खुद से मन ही मन कहती है और फिर हिम्मत बांध कर बाथरूम के अंदर चली जाती है।
आशी डरते-डरते बाथरूम के अंदर जाती है और दरवाज़ा बंद कर लेती है। थोड़ी देर बाद आशी आकर सिवी के बगल में लेट जाती है। बेडसाइड टेबल की किताब अचानक गिर जाती है, जिससे हल्की सी आवाज आती है। आशी जमीन पर गिरी हुई किताब का कवर देखती है जिसमे लिखा होता है “horror story, hindi ki kahani. सिवि नींद भरी आवाज में आशी से पूछती है - “आशी ये तू कर रही है ना” । आशी गंभीर स्वर में कहती है- “हां सब मैं ही कर रही हूं” । सिवी नींद के स्वर में उससे कहती है - “अच्छा, अब प्लीज सो जा” ।
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horror story
सुबह सूरज की किरणों से सिवि की नींद खुलती है। और वह बिस्तर से उठकर बाथरूम की ओर जा रही है। जब सिवी अपने चेहरे को पहली बाथरूम के सिंक के शीशे में देखती है तो वह चौंक जाती है। वो देखती है की उसकी आंखें पूरी तरह सफेद हो गई हैं। वह घबरा जाती है और घबराहट के मारे बार-बार अपना चेहरा धोने लगती है। जब वह आईने में देखती है तो उसे पता चलता है कि उसकी सफेद आंखें इस बार खून सी लाल हो गई हैं, उसकी आंखों के नीचे काले घेरे दिखाई देने लगे हैं और उसके हाथ और पूरा चेहरा काला हो गया है, जैसे खाल जलने के बाद हो जाती है।सिवि घबरा कर चिल्लाने लगती है -“नहीं-नहीं-नहीं, ये क्या हो रहा है मुझे” । जब वह अपने हाथों को पानी से धोने की कोशिश करती है, तो वह डर के मारे चिल्लाती है, वो अपने हाथों को अपने चेहरे पर फेरती है और फिर जमीन पर बैठकर जोर-जोर से रोने लगती है।
सिवी को अपने पीछे से कदमों की आहट सुनाई देती है। जब वह पीछे मुड़कर देखती है तो उसे एक महिला की काली परछाई दिखाई देती है। वह उसे देख कर बहुत ज्यादा डर जाती है, लेकिन इस बार वह चिल्लाती नहीं है और किसी तरह उठकर बाथरूम से भागने की कोशिश करती है।
जैसे ही सिवी बाथरूम से बाहर भागने की कोशिश करती है। वो काली छाया सिवी के पैर को अपने हाथों से पकड़कर जमीन पर खींच लेती है। और बाथरूम का दरवाजा अंदर से अपने आप बंद हो जाता है।जब सिवी जमीन से उठने की कोशिश करती है, तो उसे पता चलता है कि उसका पूरा शरीर अकड़ गया है और वह लाख कोशिशों के बावजूद अपने शरीर के अंगों को हिला नहीं पाती है। सिवी एक असहाय और बेजान लाश की तरह जमीन पर पड़ी है। उसकी आंखों से आंसू बह रहे हैं और वह सिसक-सिसक कर रोये जा रही है।
अब वो काली भूतिया औरत, जिसका चेहरा उसके लंबे बालों से पूरी तरह छिपा हुआ है। उसके हाथ मुड़े हुए हैं और उसके नाखून असाधारण रूप से लंबे हैं। उसने काले रंग का गाउन जैसा आउटफिट पहना हुआ है. और वह धीरे-धीरे सिवी के करीब आती जाती है।
सिवि चीखें मार कर कहती है - “नहीं...नहीं, प्लीज नहीं,मुझे छोड़ दो प्लीज ” और रोते हुए कहती है -“कोई मेरी मदद करो प्लीज”।
भूतिया महिला सिवी के पास आती है और सिवी के चेहरे को अपने नाखूनों से खरोंचने लगती है।सिवी चिल्लाते हुए उठती है और तब उसे एहसास होता है कि यह सिर्फ एक सपना था।सिवी का पूरा चेहरा पसीने से लथपथ था। वह डरी हुई होती है, वह साइड टेबल से पानी की बोतल उठाती है और तेजी से एक ही घूंट में उसे पी जाती है। वह अपने मोबाइल डिवाइस पर फ्रंट कैमरा खोलती है और अपना चेहरा देखती है, जो बिल्कुल ठीक दिखाई देता है, सिवि चैन की साँस लेती है।
सिवि सुकून की साँस लेती है और खुद से ही कहती है - “भगवान का शुक्र है की ये बस एक सपना था”।
तभी दरवाजे की घंटी बजती है और सिवी दरवाज़ा खोलने के लिए उठती है। वो दरवाज़ा खोलती है तो उसे वहा कोई नहीं दिखता हालाँकि फिर वह चारों ओर देखती है तभ ही उसे दूर -दूर तक कोई इंसान दिखाई नहीं देता है। जैसे ही वह वापस कमरे के अंदर आकर बिस्तर पर लेटती है , दरवाजे की घंटी फिर से बजती है। इस बार, सिवी दरवाज़ा खोलती है और इधर-उधर देखते हुए घर से बाहर चली जाती है। उसकी नजर नीचे रखी एक टेडी गुड़िया पर पड़ती है और वह उसे उठाकर अपने साथ अंदर ले आती है।
सिवी गुड़िया को हैरानी से देखती है क्योंकि वह गुड़िया बाकि सारी गुड़ियों से बहुत अलग और अजीब दिखती है। उसका चेहरा डरावना है। उस गुड़िया के सिर पर एक अजीब सा निशान है और उस गुड़िया ने गुलाबी रंग की पोशाक पहनी हुई है। जब सिवि गुड़िया की ओर देख रही होती है, तो उसे ऐसा प्रतीत है जैसे उसके पीछे कोई काली छाया है ,पर जब सिवि पीछे देखती है, तो वहा कुछ नहीं होता है। इस बार जैसे ही सिवी की नजर गुड़िया पर पड़ती है तो गुड़िया बुरी तरह रोने लगती है। सिवि चिल्लाते हुए गुड़िया को दूर फेंक देती है और अत्यधिक भयभीत होकर घर से भागने लगती है।
सिवी घर का दरवाज़ा खोलने लगती है, लेकिन जब दरवाज़ा नहीं खुलता, तो वह उस पर डंडे से प्रहार करना शुरू कर देती है। वह खिड़की के शीशे खोलने की कोशिश करती है, लेकिन वे भी नहीं खुलते। वह सिसकने लगती है और खिड़कियाँ खोलने की कोशिश करती रहती है। वह बाहर देखती है और चिल्ला -चिल्ला कर लोगो को पुकारती है।
सिवि सिसकते हुए आवाज़ लगाती है - “कोई है, क्या कोई मुझे सुन पा रहा है, प्लीज मेरी मदद करो” ।
सीवी शीशे पर थपथपाती रहती है तभी खिड़की के शीशे पर एक काली भूतिया महिला (जिसे सिवी ने सपने में देखा था) उसे दिखाई देती है। सिवी चिल्लाते हुए वहा से भागने की कोशिश करती है जिसमे वह नीचे ज़मीन पर गिर पड़ती है। जब सिवी अपने पीछे देखती है तो देखती है कि वो डरावनी गुड़िया उसकी ओर आ रही है और जोर-जोर से रो रही है।
सिवि भाग कर बाथरूम में जाती है और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लेती है। बाथरूम के दरवाज़े पर बाहर की ओर से कोई लगातार हथौड़े से प्रहार कर रहा है। सिवी एक कोने में छुप जाती है और अपने हाथ अपने कानों पर रख लेती है।तभी अचानक बाथरूम की एक दीवार पर लंबे नाखूनों वाला एक घिनौना हाथ दिखाई देता है जो की उसी भूतनी का होता है। वो डरावनी औरत दीवार के बगल में से अपना भयानक आधा चेहरा दिखाती है। सिवि देखती है की उस डरावनी औरत के चेहरे पर बाल लहरा रहे हैं. उसकी एक आंख पूरी तरह काली है और उसकी मुस्कान भयानक और डरावनी है।
सिवी को अपने पीछे से कदमों की आहट सुनाई देती है। जब वह पीछे मुड़कर देखती है तो उसे एक महिला की काली परछाई दिखाई देती है। वह उसे देख कर बहुत ज्यादा डर जाती है, लेकिन इस बार वह चिल्लाती नहीं है और किसी तरह उठकर बाथरूम से भागने की कोशिश करती है।
जैसे ही सिवी बाथरूम से बाहर भागने की कोशिश करती है। वो काली छाया सिवी के पैर को अपने हाथों से पकड़कर जमीन पर खींच लेती है। और बाथरूम का दरवाजा अंदर से अपने आप बंद हो जाता है।जब सिवी जमीन से उठने की कोशिश करती है, तो उसे पता चलता है कि उसका पूरा शरीर अकड़ गया है और वह लाख कोशिशों के बावजूद अपने शरीर के अंगों को हिला नहीं पाती है। सिवी एक असहाय और बेजान लाश की तरह जमीन पर पड़ी है। उसकी आंखों से आंसू बह रहे हैं और वह सिसक-सिसक कर रोये जा रही है।
अब वो काली भूतिया औरत, जिसका चेहरा उसके लंबे बालों से पूरी तरह छिपा हुआ है। उसके हाथ मुड़े हुए हैं और उसके नाखून असाधारण रूप से लंबे हैं। उसने काले रंग का गाउन जैसा आउटफिट पहना हुआ है. और वह धीरे-धीरे सिवी के करीब आती जाती है।
सिवि चीखें मार कर कहती है - “नहीं...नहीं, प्लीज नहीं,मुझे छोड़ दो प्लीज ” और रोते हुए कहती है -“कोई मेरी मदद करो प्लीज”।
भूतिया महिला सिवी के पास आती है और सिवी के चेहरे को अपने नाखूनों से खरोंचने लगती है।सिवी चिल्लाते हुए उठती है और तब उसे एहसास होता है कि यह सिर्फ एक सपना था।सिवी का पूरा चेहरा पसीने से लथपथ था। वह डरी हुई होती है, वह साइड टेबल से पानी की बोतल उठाती है और तेजी से एक ही घूंट में उसे पी जाती है। वह अपने मोबाइल डिवाइस पर फ्रंट कैमरा खोलती है और अपना चेहरा देखती है, जो बिल्कुल ठीक दिखाई देता है, सिवि चैन की साँस लेती है।
सिवि सुकून की साँस लेती है और खुद से ही कहती है - “भगवान का शुक्र है की ये बस एक सपना था”।
तभी दरवाजे की घंटी बजती है और सिवी दरवाज़ा खोलने के लिए उठती है। वो दरवाज़ा खोलती है तो उसे वहा कोई नहीं दिखता हालाँकि फिर वह चारों ओर देखती है तभ ही उसे दूर -दूर तक कोई इंसान दिखाई नहीं देता है। जैसे ही वह वापस कमरे के अंदर आकर बिस्तर पर लेटती है , दरवाजे की घंटी फिर से बजती है। इस बार, सिवी दरवाज़ा खोलती है और इधर-उधर देखते हुए घर से बाहर चली जाती है। उसकी नजर नीचे रखी एक टेडी गुड़िया पर पड़ती है और वह उसे उठाकर अपने साथ अंदर ले आती है।
सिवी गुड़िया को हैरानी से देखती है क्योंकि वह गुड़िया बाकि सारी गुड़ियों से बहुत अलग और अजीब दिखती है। उसका चेहरा डरावना है। उस गुड़िया के सिर पर एक अजीब सा निशान है और उस गुड़िया ने गुलाबी रंग की पोशाक पहनी हुई है। जब सिवि गुड़िया की ओर देख रही होती है, तो उसे ऐसा प्रतीत है जैसे उसके पीछे कोई काली छाया है ,पर जब सिवि पीछे देखती है, तो वहा कुछ नहीं होता है। इस बार जैसे ही सिवी की नजर गुड़िया पर पड़ती है तो गुड़िया बुरी तरह रोने लगती है। सिवि चिल्लाते हुए गुड़िया को दूर फेंक देती है और अत्यधिक भयभीत होकर घर से भागने लगती है।
सिवी घर का दरवाज़ा खोलने लगती है, लेकिन जब दरवाज़ा नहीं खुलता, तो वह उस पर डंडे से प्रहार करना शुरू कर देती है। वह खिड़की के शीशे खोलने की कोशिश करती है, लेकिन वे भी नहीं खुलते। वह सिसकने लगती है और खिड़कियाँ खोलने की कोशिश करती रहती है। वह बाहर देखती है और चिल्ला -चिल्ला कर लोगो को पुकारती है।
सिवि सिसकते हुए आवाज़ लगाती है - “कोई है, क्या कोई मुझे सुन पा रहा है, प्लीज मेरी मदद करो” ।
सीवी शीशे पर थपथपाती रहती है तभी खिड़की के शीशे पर एक काली भूतिया महिला (जिसे सिवी ने सपने में देखा था) उसे दिखाई देती है। सिवी चिल्लाते हुए वहा से भागने की कोशिश करती है जिसमे वह नीचे ज़मीन पर गिर पड़ती है। जब सिवी अपने पीछे देखती है तो देखती है कि वो डरावनी गुड़िया उसकी ओर आ रही है और जोर-जोर से रो रही है।
सिवि भाग कर बाथरूम में जाती है और दरवाज़ा अंदर से बंद कर लेती है। बाथरूम के दरवाज़े पर बाहर की ओर से कोई लगातार हथौड़े से प्रहार कर रहा है। सिवी एक कोने में छुप जाती है और अपने हाथ अपने कानों पर रख लेती है।तभी अचानक बाथरूम की एक दीवार पर लंबे नाखूनों वाला एक घिनौना हाथ दिखाई देता है जो की उसी भूतनी का होता है। वो डरावनी औरत दीवार के बगल में से अपना भयानक आधा चेहरा दिखाती है। सिवि देखती है की उस डरावनी औरत के चेहरे पर बाल लहरा रहे हैं. उसकी एक आंख पूरी तरह काली है और उसकी मुस्कान भयानक और डरावनी है।
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सिवि चिल्लाती है और कपकपाती आवाज़ में कहती है - “नहीं, नहीं, प्लीज मुझे मत मारो, प्लीज” ।सिवी रोते -रोते वहां बैठे-बैठे ही डर के मारे बेहोश हो जाती है।रात का वक़्त होता है जब आशी घर लौटती है और वो सिवि को देखती है- “सिवि...सिवि...आंखे खोलो,तुम ठीक हो?”- आशी सिवि को उठाते हुए कहती है। सिवि रोते हुए आशी को कसकर लगा लेती है। “क्या हुआ है सिवि, तुम डरो मत, मैं यही हूँ, आई ऍम हियर विथ यू, हम्म” - आशी सिवि से कहती है। सिवि डरी हुई आवाज़ में कहती है - “वो मार देगी मुझे, वो...वाहा, सिवि बाथरूम की दीवार की ओर इशारा करते हुए बोलती है” । “वहा कोई नहीं है सिवि, तुमने फिरसे कोई horror story पड़ीं होगी तभी कोई डरावना सपना देखा होगा”- आशी सिवि से कहती है। सिवि रुआंसी आवाज में कहती है - “नहीं वो यहीं वो ठीक मेरे सामने खड़ी थी, प्लीज़ मुझ पर यकीन करो” । “सिवी इधर मुझे देखो, मैं यही हूं बिलकुल तुम्हारे सामने, हूँ ना?मतलब यहां और कोई नहीं है,कोई भी नहीं ”-आशी सीवी से कहती है। सिवि आशी से पूछती है -“तुम कब आई?”।“मैं तो कब से यही हूं सिवी... यहीं तुम्हारे पास, तुम घबराओ मत, मैं तुम्हारे पास ही रहूंगा,हमेशा”- आशी गंभीर आवाज़ में बोलती है। सिवि आशी का हाथ पकड़ते हुए उससे बोलती है -”आशी...वो गुड़िया,वो डॉल ...उसे यहां से हटा दो, उसे फेंक दो या जला दो,जल्दी करो”। आशी गंभीरता से बोलती है - “नहीं, मैं उसे नहीं फेंक सकती”।
सिवि हैरान होकर कहती है - “क्या मतलब, क्यों नहीं फेंक सकती” । “क्योंकि यहां कोई गुड़िया नहीं है, यहां कोई भी नहीं है, बस हम दोनों हैं, और कोई नहीं- आशी उससे कहती है। पर यार, इससे पहले की सिवि और कुछ कहती आशी उससे कहती है - “पता नहीं तुम्हें क्या होगा, चलो तुम्हारे लिए कुछ खाना बना देती हूं, आ जाओ” और आशी बाथरूम से बाहर निकल जाती है।
सिवि आशी को देख कर सोचती है की आज आशी को हो क्या गया है। आज आशी बहुत गंभीर और अलग तरह से बर्ताव कर रही थी। उसके चेहरे के हाव -भाव से लग रहा था की वो आशी नहीं बल्कि कोई और ही है। सिवि भी उठ कर बाथरूम से बहार चली जाती है।
सिवी और आशी खाने की मेज पर बैठे हैं। सिवि , आशी को खाना परोस देती है।”खाना खा लो सिवि”- आशी सिवि से कहती है। “मन नहीं है”- आशी धीमी आवाज़ में कहती है। “खाओ इसे ’- आशी सिवि को तिरछी नज़र से घूरती रहती है। सिवि आशी के कहने पर खाना खाने लगती है। आशी खाना खाते हुए सिवि की ओर देखती है जो लगातार घड़ी के कांटे को देखे जा रही है। सिवि उससे पूछती है - “क्या हुआ? तुम बार-बार टाइम क्यों देख रही हो? कोई काम है क्या?”। ‘हां”-आशी कहती है। सिवि रोने लगती है और उससे कहती है -“नहीं, आशी, तुम मुझे अकेला छोड़ कर मत जाओ, प्लीज़ नहीं जाओ,और इतनी रात को तुम्हें आख़िर जाना कहा है, 12 बजने वाले हैं, मुझे तुम्हारी ज़रूरत है आशी…। “फ़िक्र मत करो, मैं तुम्हे अपने साथ लेकर ही जाउंगी” । “ठीक है”- सिवि वहा से उठ कर अपना हाथ -मुँह धोने बाथरूम में चली जाती है।
जब वह बाथरूम के सिंक में हाथ धो रही थी तो पास में रखा उसका फोन बजने लगता है। वह कॉल उठाती है। “हेलो, कौन बोल रहा है?”- सिवि उस आदमी से पूछती है। “जी मैं इंस्पेक्टर राम बोल रहा हूं, मुझे आपका नंबर मिसेज आशी के मोबाइल से मिला है, आप उनके परिवार की सदस्य हैं?- वो पूछता है। “जी हां, पर क्यों”- आशी उससे पूछती है। “दरशल मिसेज आशी के एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है, आप प्लीज हॉस्पिटल आकर उनका शव कलेक्ट कर लीजिए”- ये कहकर वह पुलिस इंस्पेक्टर कॉल काट देता है। पर आशी तो यहीं है ...वो फुसफुसा कर बोलती है लेकिन फिर…
अब, सिवी को सबआती है और बाथरूम के दरवाजे के पास खड़ी हो जाती है।”को...कोन हो तुम?”- सिवि उससे पूछती है।
आशी की बहरूपिया फिर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगती है। और घर की सभी लाइटें हो जाती हैं और वो भूतिया महिला अब अपने वास्तविक रूप में आ जाती है । जब सीवी उसे उसकी दोनों आंखों के साथ पूरी तरह से काली, उसके क्षतिग्रस्त चेहरे और उसकी काली पोशाक में देखती है, तो सिवी की आत्मा कांप जाती है, और सिवी जोर से चिल्लाती है।
सिवि हैरान होकर कहती है - “क्या मतलब, क्यों नहीं फेंक सकती” । “क्योंकि यहां कोई गुड़िया नहीं है, यहां कोई भी नहीं है, बस हम दोनों हैं, और कोई नहीं- आशी उससे कहती है। पर यार, इससे पहले की सिवि और कुछ कहती आशी उससे कहती है - “पता नहीं तुम्हें क्या होगा, चलो तुम्हारे लिए कुछ खाना बना देती हूं, आ जाओ” और आशी बाथरूम से बाहर निकल जाती है।
सिवि आशी को देख कर सोचती है की आज आशी को हो क्या गया है। आज आशी बहुत गंभीर और अलग तरह से बर्ताव कर रही थी। उसके चेहरे के हाव -भाव से लग रहा था की वो आशी नहीं बल्कि कोई और ही है। सिवि भी उठ कर बाथरूम से बहार चली जाती है।
सिवी और आशी खाने की मेज पर बैठे हैं। सिवि , आशी को खाना परोस देती है।”खाना खा लो सिवि”- आशी सिवि से कहती है। “मन नहीं है”- आशी धीमी आवाज़ में कहती है। “खाओ इसे ’- आशी सिवि को तिरछी नज़र से घूरती रहती है। सिवि आशी के कहने पर खाना खाने लगती है। आशी खाना खाते हुए सिवि की ओर देखती है जो लगातार घड़ी के कांटे को देखे जा रही है। सिवि उससे पूछती है - “क्या हुआ? तुम बार-बार टाइम क्यों देख रही हो? कोई काम है क्या?”। ‘हां”-आशी कहती है। सिवि रोने लगती है और उससे कहती है -“नहीं, आशी, तुम मुझे अकेला छोड़ कर मत जाओ, प्लीज़ नहीं जाओ,और इतनी रात को तुम्हें आख़िर जाना कहा है, 12 बजने वाले हैं, मुझे तुम्हारी ज़रूरत है आशी…। “फ़िक्र मत करो, मैं तुम्हे अपने साथ लेकर ही जाउंगी” । “ठीक है”- सिवि वहा से उठ कर अपना हाथ -मुँह धोने बाथरूम में चली जाती है।
जब वह बाथरूम के सिंक में हाथ धो रही थी तो पास में रखा उसका फोन बजने लगता है। वह कॉल उठाती है। “हेलो, कौन बोल रहा है?”- सिवि उस आदमी से पूछती है। “जी मैं इंस्पेक्टर राम बोल रहा हूं, मुझे आपका नंबर मिसेज आशी के मोबाइल से मिला है, आप उनके परिवार की सदस्य हैं?- वो पूछता है। “जी हां, पर क्यों”- आशी उससे पूछती है। “दरशल मिसेज आशी के एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है, आप प्लीज हॉस्पिटल आकर उनका शव कलेक्ट कर लीजिए”- ये कहकर वह पुलिस इंस्पेक्टर कॉल काट देता है। पर आशी तो यहीं है ...वो फुसफुसा कर बोलती है लेकिन फिर…
अब, सिवी को सबआती है और बाथरूम के दरवाजे के पास खड़ी हो जाती है।”को...कोन हो तुम?”- सिवि उससे पूछती है।
आशी की बहरूपिया फिर ज़ोर-ज़ोर से हँसने लगती है। और घर की सभी लाइटें हो जाती हैं और वो भूतिया महिला अब अपने वास्तविक रूप में आ जाती है । जब सीवी उसे उसकी दोनों आंखों के साथ पूरी तरह से काली, उसके क्षतिग्रस्त चेहरे और उसकी काली पोशाक में देखती है, तो सिवी की आत्मा कांप जाती है, और सिवी जोर से चिल्लाती है।
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आखिर में भूतिया महिला दो गुड़िया पकड़े हुए है (जो की एक सिवि और दूसरी जिसने गुलाबी कपड़े पहने थी यानी आशी। उन गुडियो में सिवि और आशी की आत्माएं कैद है। हम देखते हैं कि वो भूतिया महिला दोनों गुड़ियों के साथ घर से बाहर जा रही है। घर का दरवाजा अपनेआप खुलता है, जिससे कमरे में सिवी का शव दिखाई देता है। और फिर दरवाज़ा अपनेआप बंद हो जाता है। हम उम्मीद करते है की आपको ये horror story पसंद आएगी।
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