horror story-short story in Hindi

 

horror story-short story in Hindi


नमस्ते पथ्यको! आशा करते है आप सभी खुश वा सवस्थ्य होंगे। आज हम आप सभी की लिए एक और नयी horror story-short story in Hindi ले कर आये है जिसे लिखा है लेखक आस्था भदौरिया ने (abhadoria_)। हम उम्मीद करते है की आपको ये bhoot ki kahani पसंद आये। आप सभी से अनुरोध है की ये horror stories अपने दोस्तों, मित्रो तथा अपने परिवार जानो को व्हाट्सप्प, फेसबुक, तथा इंस्टाग्राम के जरिये शेयर करे और अपने कमैंट्स करके बताये की इस कहानी में आपका सबसे अच्छा क्या लगा। 


bhoot ki kahani 


Hello Readers! Hope you all are happy and healthy. Today we have brought you all another new horror story-short story in Hindi written by writer Aastha Bhadoria (abhadoria_). We hope you like this bhoot ki kahani(Horror_Story). I request all of you to share these horror stories with your friends, relatives, and family members through WhatsApp, Facebook, and Instagram and tell us in your comments what you liked best in this story. Happy Reading. 


horror stories- short story in Hindi


हम देखते हैं कि लीना फर्श पर बैठी है। उसकी आँखें खून जैसी लाल हैं और उसकी आँखों के नीचे काले घेरे हो गए हैं। लीना अपने बगल की मेज पर रखे पानी के गिलास को लेती है और अपनी हथेलियों में चुलु भर पानी लेकर अपनी आंखों में दो-तीन बार छिडकाती है।  और फिर वह पुरे गिलास का पानी अपने चेहरे पर डाल लेती है। 

लीना कुछ देर तक अपने कमरे में बैठी रहती है फिर वह उठती है और रसोई में चली जाती है। लीना एक पैन में पानी उबालती है। फिर वह ऊपर शेल्फ से कॉफी की एक बोतल लेती है और उसे खोलती है। वह अपने कप में  ढेर सारी कॉफ़ी लेती है और उसे पिने लगती है। जब वह ब्लैक कॉफ़ी बना रही होती है, उसकी आँखों से आँसू बहने लगते हैं। वह अपने आंसू पोंछती है और एक ही बार में पूरा कॉफी का मग पी जाती है।

वह कप को वॉशबेसिन में रखती है और लिविंग रूम में चली जाती है। वह सोफ़े के बगल में कालीन पर लेटी हुई है। वह बेचैनी से अपने चारों ओर देखती रहती है। वह रोते हुए अपनी मम्मी,पापा और भाई की लाश देखती है जो बिलकुल उसके बगल में पडी हुई है। वह बार -बार अपने परिवार वालो की चेहरे देखती है,उनका सिर सहलाती है और उन्हें देख कर कहती है “मां -पापा उठ जाओ प्लीज, उठ जाओ भाई प्लीज”।

उसके चेहरे पर भय साफ -साफ झलकता है। और उसका ये डर जायज़ भी था। जिस आत्मा ने उसके परिवार को मारा था वो अभी भी उसके घर में मौजूद है। वो प्रेत आत्मा जो बहुत जल्द उसे भी मार देगी, अगर उसने एक मिनट के लिए भी आंखे बंद करि। हां ये एक ऐसी आत्मा है जिसका कोई शरीर, रंग, रूप नहीं है, जो जानवर से लेकर किसी भी इंसान का रूप ले सकती है, परन्तु केवल रात में। वो भूतिया आत्मा किसी को भी सिर्फ अँधेरे में ही मार सकती है अर्थात वो दिन में चाह कर किसी को चोट नहीं पहुंचा सकती, क्युकी वो रौशनी से डरती है। 

लीना टेलीविजन चालू करने के लिए रिमोट लेती है, एक गाना ढूंढती है, और वॉल्यूम को फूल कर लेती है। फिर वह अपने फोन पर तेज म्यूजिक लगाती है और उसे टेबल पर रख देती है। वह बिना पलकें झपकाए टेलीविजन की ओर देखती रहती है।

थोड़ी देर बाद लीना की गलती सो आंख लग जाती है। हम देखते हैं कि एक परछाई अँधेरे में तेजी से रेंगती हुई लीना के करीब आ रही है। लीना तुरंत अपनी आँखें खोलींती है । उसका माथा पसीने से भीगा हुआ है. वह बहुत डरी हुई दिखाई देती है। लीना गहराई से सांस लेते हुए खुद से कहती है - “नहीं-नहीं-नहीं सोना नहीं है लीना, एक मिनट के लिए भी नहीं सोना है” । 

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वह अपने गाल थपथपाते हुए  तुरंत अपनी जगह से उठती है और बाथरूम की ओर चल देती है। फिर वह शॉवर चालू करती है, उसके नीचे खड़ी हो जाती है और सिसकने और चिल्लाने लगती है।

लीना चाह कर भी घर से भाग नहीं सकती थी क्युकी वो जानती थी अब ये आत्मा उसका पीछा हर जगह करेगी। अब लीना के पास खुद को जगाये रखने के सिवा कोई और रास्ता नहीं था। 

लीना अपने कमरे में आती है और खिड़की से बाहर देखती है तो उसे पता चलता है कि शाम ढलने लगी है और बाहर अंधेरा बढ़ रहा है। वह खिड़की के सीसे बंद कर देती है और परदे खींच देती है। वह रैक से मोमबत्ती के पैकेट निकालती है और कमरे के सभी बल्ब और ट्यूबलाइट जला देती है। वह मोमबत्तियाँ जलाती है और उन्हें मेज पर, खिड़की के पास और कमरे के प्रत्येक कोने में रखती है।

लीना सोफ़े पर बैठ जाती है। थोड़ी देर बाद घर के बाहर से अजीब सी आवाजें आने लगती हैं. लीना घबरा जाती है और सिकुड़ कर सोफे पर ही बैठ जाती है और दरवाजे और खिड़की की ओर घूरने लगती है। अचानक तूफानी हवा चलने लगती है, भूकंप के झटके आने लगते है और एक-एक करके सारी मोमबत्तियाँ ज़मीन पर गिरकर बुझ जाती है। लीना के चेहरे पर डर साफ झलक रहा है वो कपकपाती आवाज़ में कहती है - “हे भगवान! नहीं-नहीं”। वो तुरंत सोफ़े से उठती है,और  ज़मीन पर गिरी हुई मोमबत्तियाँ लेने के लिए दौड़ती है, और उन्हें जलाने का बार -बार प्रयास करने लगती है। वह माचिस जलाने की कोशिश करती है, लेकिन माचिस नहीं जलती।

लीना भयभीत होकर कहती है - “ये क्या हो रहा है, ये माचिस जल क्यों नहीं रही है”।

फिर बल्ब झपकने लगता है, रोशनी कम हो जाती है और बल्ब बंद हो जाता है। फिर ट्यूब लाइट झपकने लगती है। लीना ट्यूब लाइट की ओर देखती है जो अचानक टूट कर वो गिर जाती है।

अब लीना जल्दी -जल्दी अपना फ़ोन उठा कर उसकी लाइट जलाने की कोशिश करती है तो वो देखती है उसके फोन की बैटरी केवल 16% चार्ज है, जो उसने थोड़ी देर पहले फुल  था । वह तुरंत अपना फोन चार्ज में लगाने के लिए दौड़ती है। जैसे ही वह फोन को चार्जिंग पर लगाती है, बिजली कट जाती है। और मोबाइल का टॉर्च बंद हो जाता है।  कमरे में भी पूरा अंधेरा हो जाता है. लीना ने डरकर पीछे देखा तो वही परछाई खड़ी थी। लीना चिल्लाती है। और आखिर में पुरे कमरे में सन्नाटा पसर जाता है और हम लीना की लाश उसके मां के बगल में पड़ी हुई देखते है। 






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