A love story in Hindi- red rose
A love story in Hindi- red rose
Hey everyone, I hope you're doing great! To make you feel even happier, here's our new blog - A Hindi Love Story - A Red Rose written by your favorite writer Astha bhadoria (abhadoria_). It's sure to make you smile, cry, and get goosebumps - it's a story you won't forget! It's about two true lovers falling in love, and it's a reminder that true love still exists in today's world.
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love story
नमस्ते पाठयकों , मुझे आशा है कि आप बहुत अच्छे होंगे ! आपको और अधिक खुशी महसूस कराने के लिए, हमारा नया ब्लॉग, love story - red rose, जो आपकी पसंदीदा लेखिका आस्था भदोरिया (abhadoria_)द्वारा लिखी गयी है। यह Love story पढ़ कर निश्चित रूप से आप मुस्कुराएगा, रोयेंगे, भावुक भी होंगे और अंत पढ़ कर आपके रोंगटे खड़े हो जायेंगे। यह एक ऐसी Love story है जो आप कभी भुला नहीं पाएंगे। यह दो सच्चे प्रेमियों की Love story है और यह आपको यकीन करने पर मजबूर कर देगी की सच्चा प्यार आज की दुनिया में भी मौजूद है।
यदि आपको यह Love story - a red rose पसंद आई,तो कृपया इसे अपने प्रेमी, प्रेमिका या जीवन साथी को इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप या फेसबुक के माध्यम से भेजें और उन्हें बताएं कि वे आपके जीवन में कितने खास हैं।
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सुबह के 10 बजे का समय है, पार्क के चारों ओर हरे-भरे पेड़ हैं, पक्षी चहचहा रहे हैं, हर तरफ रंग-बिरंगे फूल खिल रहे हैं, हवा रुक-रुक कर चल रही है, और आज ही सुभ प्रिया को पहली बार देखता है और वह उसे देखता ही रह जाता है। उसने आज तक प्रिय से ज्यादा खूबसूरत लड़की कभी नहीं देखी थी, उसे देखते ही सुभ को उससे प्यार हो गया, वो पहली नज़र का प्यार। सुभ को। वह गार्डन से ही खड़ा होकर प्रिया को स्ट्रीट रेस्टुरेंट में बैठा हुआ देखता रहा। एक मिनट बाद, वह साहस जुटाता है और प्रिया के पास जाता है। प्रिया अपने लैपटॉप पर कुछ काम कर रही है। वह प्रिया के बगल में बैठता है, सुभ प्रिया से कहता है- शुभ प्रिया से कहता है - “आ, हाय”। “हेलो” प्रिया जवाब में कहती है। शुभ प्रिया को एक फ्रेंडशिप बैंड देते हुए कहता है - “ ये आपके लिए” । प्रिया हैरान होकर उसे देखते हुए कहती है - “फ्रेंडशिप बैंड? क्यू?, और आप है कौन:। “मेरा नाम शुभ है,मैं यहां पर काउंटर अटेंडेंट हूं की पार्ट टाइम जॉब करता हूँ , आज फ्रेंडशिप डे है ना, तो हमारा रेस्टोरेंट हर कस्टमर को फ्रेंडशिप बैंड दे रहा है, ताकि हमारा रिश्ता लाइफटाइम बना रहे”। “क्या, क्या कहा आपने”- प्रिया सुभ से पूछती है। मतलब आपकी हमारे रेस्टुरेंट से परमानानेन्ट दोस्ती हो जाये”- सुभ मुस्कुराते हुए कहता है। “ओके, वैसे ये अच्छी मार्केटिंग स्ट्रेटेजी बनाई है, मतलब कोई जान-पहचान नहीं है, ऐसे अजनबियों को फ्रेंडशिप बैंड दे कर दोस्ती के बहाने अपने कस्टमर्स बढ़ाओ, सही है”-प्रिया से कहती है । शुभ हसने लगता है और प्रिया से कहता है - “ऐसा नहीं है और फिर जिंदगी में हम सब कभी ना कभी अजनबी ही तो होते हैं, अब अज जो आपके दोस्त हैं, कभी तो अजनबी ही थे, कुछ स्कूल में मिलें, कुछ कॉलेज मैं, कुछ ऑफिस में मिले होंगे और आज देखो हम मिल गए”। “तो ये खास सिर्फ मेरे लिए है?”- प्रिया शुभ से पूछती है। शुभ मन ही मन बुदबुदाता है आप मेरे लिए खास है इसमें तो कोई शक नहीं है, और फिर कहता है - “ नहीं दरअसल ये रेस्टोरेंट की ओर से मैंने आपको दिया है , हम ये फ्रेंडशिप बैंड आज सभी कस्टमर्स को देंगे, आखिर ग्राहक भी तो दोस्त ही होता है”। प्रिया मुस्कुराते हुए उससे कहती है - “इसके लिए शुक्रिया पर मैं आपकी कस्टमर नहीं बल्कि एक फूड ब्लॉगर हूं, और आपके रेस्टोरेंट ने ही मुझे इनवाइट किया था इसलिए मैं आज यहां आई हूँ”। “ओह, अच्छा,मुझे पता नहीं था। वैसे कैसा लगा आपको हमारे रेस्टोरेंट का खाना”- शुभ प्रिया से पूछता है। उम्म...अच्छा था डोनट्स बहुत अच्छे थे, मिल्कशेक ठीक-ठाक था , और चीज़ पिज़्ज़ा, वह स्वादिष्ट था”- प्रिया अपने मोबाइल में कुछ लिखते हुए कहती है। “अच्छा लगा जान कर की आपको हमारे रेस्टुरेंट का खाना पसंद आया, थैंक्यू फॉर कमिंग मिस… आ ”- । “प्रिया, मेरा नाम प्रिया है”-प्रिया उससे कहती है। “ओह आपसे मिलकर अच्छा लगा प्रिया जी”- शुभ प्रिया से कहता है। “मुझे भी और हां आप मुझे प्रिया भी कह सकते है, उम्र में आपसे एक दो - साल छोटी ही होउंगी मैं”- प्रिया हस्ते हुए कहती है और रेस्टुरेंट से बाहर जाने लगती है”। “तो अब कब आ रहे हो आप” ??- शुभ प्रिया को पीछे से टोकते हुए पूछता है। “अब किसलिए आउंगी मैं”?- प्रिया थोड़ा हैरान होकर पूछती है। “मिल्कशेक पीने” वो कहता है और हसने लगता और प्रिया भी उसके साथ -साथ हसने लगती है”। प्रिया को किसी जरूरी काम के लिए उसके ऑफिस से फोन आता है, उसे तुरंत ऑफिस आने के लिए कहा जाता है। प्रिया सुभ से कहती - “ऑफिस से कॉल आया है, कुछ महत्वपूर्ण है कम आ गया है, तो अभी जाना होगा, बाय” । “हम फिर मिलेंगे,मतलब?”... शुभ इससे पहले कुछ और कहता प्रिया मुस्कुरा कर बोलती है- “हां, हम ज़रूर मिलेंगे”। “ओके, टेक केयर बाय” -शुभ उससे कहता है। “अरे एक मिनट रुको”-प्रिया अपने हाथ से फ्रेंडशिप बैंड उतारती है और सुभ को पहना देती है। और उससे कहती है - ‘ये फ्रेंडशिप बैंड तुम्हारे लिए, वैसे ये मैंने खुद को दिया था, अब तुम्हें दे रही हूं, आखिरकार आत्म-प्रेम किसी भी चीज से ज्यादा महत्वपूर्ण है, इसे संभाल कर रखना”। “हां, मैं हमेशा इसे बहुत संभाल कर रखूँगा”- शुभ उससे कहता है। प्रिया वहा से चली जाती है और शुभ उसे जाते हुए देखता रहता है। उसे उम्मीद है की उसका प्यार और love story ज़रूर पूरी होगी।
Love story “प्यार”
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सुभ पार्क की उसी बेंच पर बैठा है जिसमें वह कल प्रिया के साथ बैठा था, उसे प्रिया की याद आने लगती है। शुभ सोशल मीडिया पर प्रिया की प्रोफ़ाइल खोजना शुरू करता है, कुछ मिनटों के बाद उसे प्रिया की प्रोफ़ाइल मिल जाती है। वह देखता है की कल जिस लड़की को वो एक नार्मल फ़ूड ब्लॉगर समझ रहा था, वो इंस्टाग्राम और बाकि सोशल मीडिया वेबसाइट पर भी काफी फेमस है।शुभ प्रिया को एक टेक्स्ट संदेश भेजता है। “हेलो श्रीमती फ़ूड ब्लॉगर, पहचान?” जब कुछ देर तक प्रिया का कोई रिप्लाई नहीं आता तो शुभ सोचने लगता है की प्रिया उससे बात क्यों करेगी, जिस लड़की के इतने फॉलोवर है। वो मेरा मैसेज क्यों देखेगी। उसने दबे होठो से खुद से बुदबुदाते हुए कहा “कोई नहीं शुभ, पहली चाहत और पहला प्यार किसी को नहीं मिलता है” । तभी प्रिया का रिप्लाई आ जाता है - हेलो शुभ, कैसे हो?” । शुभ एक पल के लिए एकटक उस मैसेज को देखता रहता है और फिर उसे मैसेज करके कहता है - “मुझे यकीन ही नहीं हो रहा तुमने मेरे मैसेज का रिप्लाई किया” । “मतलब ?”- प्रिया उससे पूछती है। “मतलब जो लड़की इतनी फेमस है, जिसके पता नहीं कितने चाहने वाले होंगे, उसने मेरे मैसेज का जवाब दिया”- शुभ कहता है। “अब दोस्ती की है तो निभानी तो पड़ेगी ही, हैना”- प्रिया स्माइल इमोजी के साथ उसके टेक्स्ट का रिप्लाई करती है। “और आप कैसी है”- शुभ प्रिया से मैसेज करके पूछता है। “मैं ठीक हूँ, और तुम ?”- । “मैं भी अच्छा हूँ”। “ शुभ, मैं तुमसे कुछ पूछना चाहता हूँ, पुछ लू?”। “हां प्लीज, दोस्तो से भी इजाज़त मांगी जाती है क्या?”।प्रिया (संदेश लिखते समय वह मुस्कुरा रही है) “ एक्साक्ट्ली आपने दोस्तों के साथ इतनी फॉर्मलिटीज कौन करता है?मतलब "आप" ये अपने दोस्तों से कौन कहता है?ट्रस्ट मी, मैं उम्र में तुमसे एक -दो साल छोटी ही हूँ”।शुभ प्रिया का मैसेज पढ़कर वह मुस्कुराने लगता है- “अच्छा सॉरी, अब से ध्यान रखूंगा”। “ओह हो बाबा, फिर से फॉर्मेलिटी”। “अच्छा अच्छा, दोस्ती में नो सॉरी नो थैंक्यू, अब से ये रूल याद रहेगा, ओके प्रिया”। ओके गुड, और बताओ? “और तुम बताओ”। “मैं बस अपने घर के बगीचे में बैठी हूँ शुभ”। “लगता है फूलो से बहुत प्यार है आपको” ? “फूलो से किसे प्यार नहीं होता, तुम्हे नहीं है क्या”- प्रिया उससे पूछती है। शुभ मन ही मन बुदबुदाता है - “अब तो उस हर चीज़ से प्यार है, जिससे तुम्हे प्यार है”, और फिर उसे मैसेज करता है - “हां, मुझे भी फूल पसंद है, वैसे आपको फूल पसंद है ये उन फूलो की खुशकिस्मती है क्युकी तुम किसी भी फूल से बहुत ज्यादा खूबसूरत हो ”- शुभ प्रिया को एक हार्ट इमोजी के साथ टेक्स्ट करता है। “वाह, तुम मेरे दोस्त बने नहीं की फ़्लर्ट करना पहले शुरू कर दिया”-वो गुस्से वाले इमोजी भेजती है । “नहीं प्रिया, मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था, तुम्हे बुरा लगा तो मुझे माफ़ कर दो प्लीज, मैं तुम्हारी बहुत रिस्पेक्ट करता हूँ”- शुभ उससे बहुत बार माफ़ी मांगता है। “रिलैक्स, मैं बस तुम्हारी तांग खींच रही थी”- वो लाफिंग वाले इमोजी भेजती है और शुभ के मैसेज देख कर हसने लगती है। शुभ भी हसने लगता है और फिर प्रिया को टेक्स्ट करके कहता है - “क्या मैं आपसे कोई पूछूं ?प्रिया उससे कहती है - “दोस्तो को इजाजत की जरूरत नहीं होती, बोलो अब क्या बात है”?
शुभ बहुत हिम्मत करके उसे टेक्स्ट पर पूछता है - “कल संडे है, अगर तुम्हारे पास टाइम हो और तुम्हारा फ्री हो तो क्या हम कल मिले? प्रिया उसके मैसेज का रिप्लाई करते हुए कहती है - “वक़्त तो है पर अगर मैं ना कहूँ तो?शुभ आगे लिखता है -”तो कोई बात नहीं है, दोस्ती का मतलब सम्मान भी तो होता है”। प्रिया उसका मैसेज पढ़ कर मुस्कुराती है और कहती है -”फिर तो आना पड़ेगा कल, अब अपने दोस्त को तो इंसल्ट नहीं कर सकती ना, कितने बजे मिले? “जितने बजे हम लोग कल मिले थे , सुबह 10 बजे ठीक रहेगा? प्रिया उससे कहती है - “ठीक है, कल मिलते हैं, बाय” । शुभ कहता है -”ठीक है, टेक केयर ”।
वह बार-बार अपने फोन में प्रिया के मैसेज देख कर खुश होता है, वह कल सुबह का बेसब्री से इंतजार कर रहा है जब वो अपने प्यार प्रिया से मिल पायेगा और उसकी एकतरफा love story शायद दोतरफ़ा love story में बदल जाएगी।
A love story in Hindi, प्यार
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सुबह के 10:10 बजे हैं. सुभ पार्क में प्रिया का इंतजार कर रहा है। वह लगातार पार्क के प्रवेश द्वार की ओर देखता है, फिर हाथ की घड़ी में समय देखता है, एक मिनट बाद, वह देखता है कि प्रिया पार्क में प्रवेश कर चुकी है, और वह शुभ की ओर आती है और उससे कहती है- “सॉरी यार, देर हो गई”। शुभ हँसते हुए उससे कहता है- “फिर से फॉर्मेलिटी” ।प्रिया मुस्कुरा कर कहती है- “ तुम मेरी लाइन्स, मुझ ही पर अपना रहे हो”। शुभ उससे कहता है - “अच्छा चलो, रेस्टोरेंट चलते हैं, आज तुम हमारे रेस्टोरेंट का चॉकलेट शेक ट्राई करो”। प्रिया उसे टोकते हुए कहती है -“नहीं, आज तुम मेरे साथ चलो, यहीं पास में एक छोटी से चाय की दुकान है, उसकी "कुल्हड़ वाली चाय" बहुत प्रसिद्ध है”। शुभ हैरान होकर -“तुम्हें भी कुल्हड़ वाली चाय पसंद है”? "कुल्हड़ वाली चाय" सबको पसंद होती है, तुम कहीं भी चली जाओ कश्मीर से कन्याकुमारी तक, ये तुम्हें हर जगह मिलेगी”-प्रिया शुभ से कहती है।
शुभ उससे कहता है -”चलो फिर तुम्हारा पसंदीदा, "कुल्हड़ वाली चाय" की दुकान पर चलते हैं”। कुछ देर चलने के बाद वे चाय की दुकान पर आते हैं; वे दो कुल्हड़ चाय खरीदते हैं, पास पड़ी बेंच पर बैठ जाते हैं और चाय पीने लगते हैं। दोनों चाय की चुस्की है। प्रिया शुभ से पूछती है- “अच्छी है ना चाय”? शुभ उससे कहता है - “हां,बहुत अच्छी है,मेरी पहली love story है ये”।प्रिया कहती है - “पहली love story होगी ही मेरी चॉइस जो है”। प्रिया उससे पूछती -है “शुभ तुम जो रेस्टुरेंट में पार्ट टाइम जॉब करते हो, इसकी कोई खास वजह”? शुभ प्रिया को बताता है - “ये समझ लो कि ये सस्ता होटल मैनेजमेंट कोर्स है, और थोड़ी इनकम भी हो जाती है, तुम्हें पता है मैं भविष्य में अपना खुद का रेस्तरां खोलना चाहता हूं अब पता नहीं ये सपना सच हो पाएगा या नहीं”। प्रिया उसे कहती है - “ज़रूर होगा, पर उसके बाद मुझे अपने रेस्टोरेंट में बुलाओगे ना?”शुभ प्रिया से मुस्कुरा कर कहता है -”दोस्तों को बुलाना नहीं पड़ता है, और जिन्हे बुलाना पड़े वो दोस्त नहीं। ”प्रिया कहती है - “ठीक है फिर मैं रोज़ आउंगी” और उसे मज़ाकिया तरह से बोलती है - “तब मत बोलना दोस्ती अपनी जगह है, या बिजनेस अपनी जगह”। शुभ मासूमियत से कहता है -”नहीं कहूँगा पक्का”।
प्रिया शुभ से कहती है - “शुभ, मुझे तुमसे बात करके अच्छा लगता है, तुमसे तुम्हारी बातों से मुझे पॉजिटिव वाइब्स आती हैं, इसे पहले कभी इतनी जल्दी किसी से दोस्ती नहीं करनी चाहिए, पर पता नहीं क्यों मेरा दिल कहता है तुम अलग हो”। शुभ उससे कहता है - “थैंक्यू मुझे अपना दोस्त बनाने के लिए, मुझपर ट्रस्ट करने के लिए, आई प्रॉमिस मैं तुम्हारा बहुत अच्छा दोस्त बनूँगा” ।
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शुभ की बात सुनकर प्रिया मुस्कुराती है और फिर दुकानदार को अपनी और सुभ की चाय के पैसे देती है।
शुभ उससे कहता है - “क्या कर रही हो? मैं पेमेंट कर दूंगा” ।प्रिया उससे पूछती है - “तुम स्टीरियोटाइप पर विश्वास करते हो क्या?” शुभ जवाब देता है - “नहीं”। प्रिया कहती है - बढ़िया, चलो फिर चलते हैं, मुझे देर हो रही है, घर पर सब इंतज़ार कर रहे होंगे”। शुभ उससे हस्ते हुए कहता है - “मैं तुमसे नहीं जीत सकता, अच्छा मैं तुम्हे ड्राप कर दूँ”। प्रिया- “नहीं, मैं चली जाउंगी बाय”।
कुछ ही समय में वे दोनों अच्छे दोस्त बन जाते है, और समय के साथ वे दोनों एक-दूसरे को पसंद करने लगते है ,वे दोनों एक-दूसरे से अपने सारे सीक्रेट्स शेयर करने लगते है , वो रात भर एक दूसरे से मैसेज और टेक्स्ट पर बात करते रहते थे, हर दिन एक-दूसरे से मिलते, लेकिन प्रिया - शुभ दोनों में से किसी ने भी अपने प्यार का इजहार नहीं किया।
ऐसे ही टाइम निकलता जाता है और छह महीने बीत जाते है, और आज वह दिन आ गया जिसका महीनो से सारे कपल्स को इंतज़ार था। valentine’s week शुरू हो गया था, और आज valentine’s week का rose day था। आज कपल्स के लिए एक -दूसरे को red rose देकर अपने प्यार का इज़हार करते है।
शुभ प्रिया को मैसेज करके रेस्तरां में आने के लिए कहता है, जब प्रिया रेस्तरां में आती है, तो देखती है कि सुभ पार्क में खड़ा है, वह उसके पास जाती है और पूछती है- “हाय, तुम मिलने के लिए कह रहे थे, कोई बात है क्या”। शुभ कहता है - “अरे बस ऐसे ही,हां तुम्हारा पसंदीदा है ना शिकागो पिज़्ज़ा, तो वो 30% डिस्काउंट पर है”। प्रिया चौंकते हुए कहती है - “ तो तुमने मुझे यहां विशेष रूप से शिकागो पिज्जा खाने बुलाया, क्योंकि उसपे 30% डिस्काउंट चल रहा है सच में?” वो हैरानी से हस्ते हुए कहती है -”तुम सच में पागल हो यार” , “प्लीज चल यार”- शुभ प्रिया से कहता है।
जैसे ही वह रेस्तरां की ओर जाने लगती है, सुभ उसका हाथ पकड़ लेता है और उसे रोकता है और उससे कहता है- “एक मिनट, एक चीज़ और है”। अब क्या बताना बाकी है? चॉकलेट शेक पर भी 50% डिस्काउंट चल रहा है, हन्न?-वह गुस्से में पूछती है।
शुभ घबराते हुए कहता है “नहीं वो ये तुम्हारे लिए ये”। वह अपनी जेब से एक red rose और एक yellow rose निकालता है और प्रिया को एक red rose देता है।प्रिया आश्चर्यचकित हो जाती है, वह सुभ से पूछती है- “ये red rose मेरे लिए?वह प्रिया से red rose वापस लेता है और उसे yellow rose deta है। “अरे सॉरी यार , ये क्या कर रहा हूं मैं, दिमाग खराब हो गया है मेरा, ये yellow rose तुम्हारे लिए है, तुम मेरी दोस्त हो ना तो ये तुम्हारे लिए मेरी तरफ से, red rose तो कपल्स के लिए है”-वो हीचिकिचाते हुए प्रिया से कहता है । “ये भी तुम्हारे रेस्टोरेंट की कोई मार्केटिंग स्ट्रेटेजी होगी,हैना”- प्रिया उससे पूछती है। “नहीं, गिफ्ट है, सबके लिए, valentine’s week का”-शुभ कहता है।
“अच्छा तुम एक काम करो, मुझे ये red rose दे दो, किसी को देना है मुझे”- शुभ कहता है।
प्रिया की यह बात सुनकर शुभ का दिल टूट जाता है, लेकिन वह किसी तरह खुद को संभालता है, वह उसे एक red rose देता है और उससे पूछता है- “बताया नहीं कभी तुमने?तुम रिलेशनशिप में हो”?प्रिया उससे कहती है - “मैने कब कहा तुमसे कि मैं रिलेशनशिप में हूं? हन्न, प्यार करती हूं किसी से, और सोच रही हूं आज ही उसे प्रपोज कर दू”। “बहुत लकी होगा वो जिसे तुम प्यार करोगी”-शुभ धीमी आवाज़ में कहता है।
“यार, ये 90 के दशक वाले डायलॉग क्यों बोल रहा है ? मेरी लव स्टोरी 90 के दशक वाली नहीं है”-प्रिया उससे कहती है। “हन्न, मुझे पता है, तुम इतनी कूल हो, वो भी तुम्हारे तरह होगा, कूल स्वैग वाला बंदा”- शुभ फेक स्माइल के साथ कहता है। “नहीं, वो कूल नहीं फूल है एक नंबर का”- प्रिया कहती है। “अच्छा और नाम क्या है उसका?”-शुभ उससे पूछता है। शुभ नाम है उसका। शुभ प्रिया के मुँह से अपना नाम सुनकर हैरान रह जाता है -क्या शुभ मतलब,तुम मेरे बारे में बात कर रही हो? “हां जी मेरे फुल,मैं तुम्हारी ही बात कर रही हूं मैं तुमसे प्यार करती हूँ शुभ, मैं सच में तुमसे प्यार करती हूँ” -प्रिया उसे red rose देते हुए कहती है। मुझे, सच में?” -वह आश्चर्य से कहता है।
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“ हन्न, अब तुम तो अपने प्यार का इज़हार करने से रहे और हमारी love story शुरू होने से पहले ख़तम हो जाये इससे अच्छा तो मैंने सोचा की मैं ही बोल देती हूं,.. तुम मुझसे प्यार करते हो ना, अगर नहीं करते हो तो भी कोई बात नहीं, थोड़ा बुरा लगेगा, पर फिर धीरे धीरे सब ठीक हो जाएगा, मैंने तो इसलिए बोल दिया क्योंकि मुझसे कंट्रोल नहीं हो रहा था”। शुभ उत्साह से कहता है - “हां, मैं तुमसे प्यार करता हूं, सिर्फ तुमसे, मैं तुमसे बहुत प्यार करता हूं प्रिया, यकीन मानो”। वो ख़ुशी से उछलते हुए कहता है - “यार मैं भी मेरे क्रश का क्रश हूं, नहीं यार मैं तो प्यार भी हूं तेरा”।प्रिया गुस्से से शुभ से कहती है - “ तो तुमने मुझसे कुछ कहा क्यों नहीं? डरते थे कहीं मैं रिजेक्ट कर दूं तो तुम्हारी इंसल्ट हो जाएगा, या तुम्हारा ईगो हर्ट हो जाएगा?”-उसने क्यूट सा गुस्से वाला चेहरा बनाया।
शुभ प्रिया से कहता है - “ऐसा नहीं है यार, सच तो ये है की मुझे डर था अगर कह दिया तुमसे मोहब्बत करता हूं तो कहीं मैं अपनी दोस्त को मत खो दू। प्रिया उससे कहती है - “चल ठीक है माफ़ किया, अब चॉकलेट डे पर चॉकलेट लेकर आना मेरे लिए, ठीक है?” और valentine’s week चल रहा है तो valentine’s day पर कही डेट पर लेकर चलने मुझे, ओके”।
“ओके तू जो बोल, सब करूँगा”-वो थोड़ा भावुक होते हुए प्रिया का हाथ चूमने लगता है। प्रिया उससे कहती है -“अच्छा अब सेंटी मत हो जाना”, यार, मुझे तो हम दोनों को ऐसे देख कर "रब ने बना दी जोडिया" वाली हैप्पी फीलिंग आ रही है।
वे दोनों हंसने लगते हैं, उनकी आंखों में एक-दूसरे के लिए प्यार और चेहरे पर खुशी साफ नजर आ रही है।
Valentine’s week के लास्ट डे valentine पर शुभ प्रिया को प्रपोज़ करने की सोचता है पर उन दोनों के नसीब में प्यार नहीं जुदाई लिखी होती है। valentine’s के ही दिन प्रिया की एक रोड एक्ससीडेंट में मौत हो जाती है। और शुभ प्रिया को आखिरी बार देख पता इससे पहले प्रिया का अंतिम संस्कार हो चूका होता है, वो उसे एक आखिर बार भी नहीं देख पता, देख पता है तो बस एक जलती हुई चिता उस लड़की की जिससे उसने पहला और आखिर प्यार किया था। और इस कहानी का यही अंत हो जाता है।
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